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Getting My Shiv chaisa To Work

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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥ शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम भोर भी https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa

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